Book Title: Praudh Apbhramsa Rachna Saurabh Part 1
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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(5.1)
(5.2)
(6)
(7)
लहिअव्व, लहेअव्व
लहे व्वउं, लहिएव्वउं, लहेवा
लहन्त , लहमाण
लहिअ, लहिय
लिहिमव्व, लिहेअव
लिहेष्वउं, लिहिए व्वउं, लिहन्त, लिहेवा
लिहमाण
लिहिल, लिहिय
लुहिअध्व, लुहेअन्व
लुहेएवढं, लुहिएश्वर्ड, लुहेवा
लुहन्त, लुहमाण
लुहिन, लुहिय
वंदिअव्व, बंदेश्व
वंदेव्वउं, वंदिएव्वळ, वंदेवा
वंदन्त, वंदमाण
बंदिन, वंदिय
बलिअव्व, वलेअब्व
वलेव्वलं, वलिएब्वउं, वलन्त, वलमाण वलेवा
पलिन, बलिय
वसेव्वउं, बसिएव्वळ, बसेवा
वसन्त, वसमाण
वसिअन्व, वसेग्रव
बसिन, बसिय
प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ 1
Xxxvii
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