Book Title: Praudh Apbhramsa Rachna Saurabh Part 1
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 197
________________ सन्धि-नियम शन्दानुसरण liv Jain Education International सूत्र सं. सूत्र 44 भ्यसाम्भ्यां तुम्हहं [ (भ्यस्)+ (प्राम्भ्याम्) + (तुम्हह)] 9 ) सूत्र-शद भ्यस् प्राम्भ्याम् तुम्हहं मूलशब्द, विभक्ति (भ्यस्) (प्राम्) 3/2 (तुम्हहं) 1/1 भूभृत् परम्परानुसरण 45. तुम्हासु सुपा तुम्हासु सुपा (तुम्हासु) 1/1 (सुप्) 3/1 परम्परानुसरण भूभृत् 46. 5, 12 सावस्मदो हउ [ (सौ)+(अस्मद:)- (हउं)] सौ अस्मदः For Private & Personal Use Only (सि) 7/1 (अस्मद्) 5/1 (हउं) 1/1 हरि भूभृत् । परम्परानुसरण 10 जस जस्-शसोरम्हे अम्हई [ (शसो:) (अम्हे)] शसोः अम्हे अम्हइं (जस्) (शस्) 7/2 (अम्हे) 1/1 (अम्हई) 1/1 भूभृत् परम्परानुसरण परम्परानुसरण [ प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरम 48 टा-यमा मई [ (ङि)+(अमा)] टा (टा) ङि (ङि) प्रमा www.jainelibrary.org (अम्) 3/(मई) 1/1 भूभृत मई मई परम्परानुसरण

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