Book Title: Praudh Apbhramsa Rachna Saurabh Part 1
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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(5.1)
समपिश्रव्व,
समपेव्व
सरिश्रव्व, सरेश्रव्व
सुणिप्रथ्व,
सुव्व
सोहिअब्ब
सोहेपब्व
(5.2)
समप्पेव्वउं,
समपिएव्वउं,
समवा
होअव्व
सरेब्वउं, सरिएव्व ं,
सरेवा
सुव्व, सुणिएवउं,
सुवा
सोहेव्वउं, सोहिएब्वउं,
सोहेवा
हरिश्रव्व, हरेव्वउं, हरिएव्वउं,
हरेव्व
हरेवा
होएब्वर्ड, होइएव्वउं,
होएवा
प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरम 1
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(6)
(7)
समप्यन्त, समप्पमाण समप्पिय, समप्पिय
सख्त,
सरमाण
सुणन्त, सुण माण
सोहन्त, सोहमार
हरन्त, हरमाण
होन्त, होमा
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सरिश्र, सरिय
सुमित्र, सुणिय
सोहि सोहिय
हरिश्र, हरिय
हो, होय
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