Book Title: Praudh Apbhramsa Rachna Saurabh Part 1
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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50. दा-देना
दाइ, दाइउ, दाइवि, दावि, देवि, देविणु, देप्पि, देप्पिणु
देवं, दाण, दाणहं, दामणहिं, देवि, देविणु,
देप्पि, देप्पिणु
51. धर=धारण करना
धरि, धरिउ, धरिवि, धरवि, धरेवि, धरेविणु, धरेप्पि, घरेप्पिणु
घरेवं, घरण, धरणहं, घरणहिं, धरेवि, धरेविणु, घरेप्पि, घरेप्पिणु
52. धिक्कार=धिक्कारना धिक्कारि, धिक्कारिउ, धिक्कारेवं, धिक्कारण,
धिक्कारिवि, धिक्कारवि, धिक्कारणहं, धिक्कारणहिं, धिक्कारेवि, धिक्कारेविणु, धिक्कारेवि, धिक्कारेविणु, धिक्कारेप्पि, धिक्कारेप्पिणु धिक्कारेप्पि, धिक्कारेप्पिणु
53. पइसर=प्रवेश करना पइसरि, पइसरिउ,
पइसरिवि, पइसरवि, पइसरेवि, पइसरेविणु, पइसरेप्पि, पइस रेप्पिणु
पइसरेवं, पइसरण, पइसरणहं, पइसरणहिं, पइस रेवि, पइसरेविणु, पइसरेप्पि, पइसरेप्पिणु
54. पड = गिरना
पडि, पडिउ, पडिवि, पडवि, पडेवि, पडेविणु, पडेप्पि, पडेप्पिणु
पडेवं, पडण, पडणहं, पडणहिं, पडेवि, पडेविणु, पडेप्पि, पडेप्पिणु
55. पणव=प्रणाम करना पणवि, पणविउ, पणविवि, पणवेवं, पणवण, पणवणहं, पणववि, पणवेवि,
पणवर्णाह, पणवेवि, पणवेविणु, पणवेप्पि, पणवेविणु, पणवेप्पि, पणवेप्पिणु
पणवेप्पिणु
xxvi
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[ प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरम
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