Book Title: Praudh Apbhramsa Rachna Saurabh Part 1
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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(5.1)
मणिव्व, मणेश्रव्व
मरिश्रव्व, मरेअव्व
मारिश्रव्व, मारेअव्व
मिलिग्रव्व,
मिलेअव्व
मुइग्रव्व,
मुग्रव्व
मुच्छिव्व, मुच्छेम
मेल्लिअव्व,
मेल्लेव
(5.2)
मणेव्वउं, मणिएव्वउं, मणेवा
मरेव्वउं, मरिएव्वउं,
मरेवा
मारेव्वउं, मारिएव्वउं,
मारेवा
मिलेब्वउं, मिलिएब्वउं, मिलेवा
मुव्वउं, मुझएवउं,
मुएवा
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(6)
प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ 1
मणन्त. मरण माण
मरन्त, मरमारग
मारन्त, मारमाण
मिलन्त, मिलमाण
मुअन्त, मुअमारण
मुच्छेवउं, मुच्छि एव ं मुच्छन्त, मुच्छमाण
1
मुच्छेवा
मेल्लेव्वउं, मेल्लिएव्वउं, मेहलन्त, मेल्लमाण
मेल्लेबा
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(7)
मणि, मणिय
मरि, मरिय
मारि, मारिय
मिलिन, मिलिय
मुइन, मुइय
मुच्छिम, मुच्छ्रिय
मेल्लिन, मेल्लिय
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