Book Title: Prabhavaka Charita
Author(s): Prabhachandracharya, Jinvijay
Publisher: ZZZ Unknown
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सिंघी जैन ग्रन्थमाला ]
[प्रभावकचरित
यार
एयएनमोश्री जिनामाश्रीग्याछायश्रीमशिसागरयरमगुरुस्थामममा गप्रदरखामाविश्वशासनमितिकारकीयस्रसादमावीपमादादयपदययु श्रीसर्वमंगालालासोपाकचरगतिवीमुंगीणपतिस्तीधनाचाराधना वाश्हरिणकानालागश्रीजनतापायव्हारकामदाबलंप्रजातियाश्चि वरिल निमा३दवावतारोवे याथामनायोजनकतिाविंश्रीपतिःप्रदाय किंवा श्रीयावतीचवतावादाजश्चरनसागाचारपान रकगाश्रयःपासूबताया बहमान सांगोपनिमयसापूर्वगिमिनांगादासम नासिरवतीबद्ध यादादयाय नाय नागोतमसुवासयशि
सत्यदाधनिया सादासजायानानीवसंजीवनानिमिसारतावनियम यद्दतिकाध रूयस्यनिकाटियणतावताश्रीचंद्रघसंसूरीगोते घोरयामण वापस अनासक नियन्त्रिीकादरसत्यर या रावयगीयादामाद्यामेधाविना
संतःकिमुनसुथाःसुद्योयनाता परदाययमितास्यासंझणवीक्षणतक्ष (TMश्यकालीयुगपक्षनश्रीदमचंदप्रसाश्रीशालाकान्गोतं प्रासरावान्या
बाधताताकालिनी नोटान्तिामधिप्रावनस्वामिनवचारा निराध सम्॥१२शातवन्ताममंजस्यप्रसाटो डावनानमःोरायलिवाहमादिया
अनि
वि
मावस्यामि दाच्या विवाहाम्यहाश्रीवतानानाजासन्नितिकारणाप्रमावकनीया नानिकियतामपिशबढनमुनानास्यः प्रायश्चकानिचिहानपश्चायनिहाय नानिमीशष्यकिय धावायशिषक श्रीदिवानंदाधापीकत यस शिक्षा
श्रावधानमनीयाईछस्पास्याँचाहिटत॥१६वानारक्षित श्रीमानो दिल स्थितिमरित्रोंकालकावार्थ:पादलितवसुतघा॥७रुद्धादवप्रसुशिश्रमणसि दयावानघाटस्मिीददश्नपत्तावका हस्तशिवजयसिंक्षश्वजावावमुम मायावादीसिहासानाद रिजासत्सवामिलवादिषयसहिका विदवासवायामानगर रिश्रीमानदावामुनाचरा यसरिश्चसिहव्यायाम ताश्रीमानवारगतिप्रसुवादिवितालविरुदधाति। रशिपसुरतधा॥२५श्री। मातमादवसरिधीधनयाालनसंगतास्सूरावार्यत्रम श्रीमान होतालाजसमाज
श्रीमान्तादयश्वावार्यकवीश्वरमदमारगुरुवामानादमवेडरता घामश्वसप्ततिलकामाहाशालामति-काटागातवारणकाशीनाकवधानसितारखा दिमाका विकसानववाशियसरिवारिखस्यासमालासुमनश्चयावहनमालामु हामकिय्या मिशारा जिराधनियासालामालाग्यस्य नामय स्यादिमंगलविज्ञवामि वासरावहतस्यभायायातायास्तिवेतानिदना यासरसासरसासदेयहण यामरागणबहसायरसागिरोतबवानानामनिवालावर्जित अहवन
नाडकमीसदायचायाश्रीवद्रवलसरियटसरसाहसघतश्रावना इंसानिमामासिकातश्रीरामलक्ष्मीनवायाप्रति विखिाराहरगतिशिश्रादहमवदरवाशाखामुनाइनाविशदिता_माहिकहितमागाध्याय शक्यमानकवितश्यक्षरगणनया
सानिध्यामापंचसदरासमवशतानिचरसातियधिकमिहाशायघायब्धयामनयनसख्यायचा अक्षरात्र वबाणवावाधीयाचबलतियानागुरुवारमहगाईगलारसास्वादमानवता परवरितश्रासंवतश्पक्षताशा काय २१प्रवतमानयासमासप्रसिनयमितियतिधिहरुवासरेपेद्रयागगमारवारश्रीश्रीश्रागमगाळेश्रीमाहाधियश्रामनिसागर पशव्याजाव्ययाय प्रमरसागरगावकम्नस्तारिकतवसावकवरितमाहाद्यामनल रिवमिदासनेनपालनायोसियार HESISESHISHASHANT disel egranap
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प्रभावकचरितकी B संज्ञक प्रतिके पहले, दूसरे और अन्तिम पत्रकी प्रतिकृति ।
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