Book Title: Prabhavaka Charita
Author(s): Prabhachandracharya, Jinvijay
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 252
________________ सिंघी जैन ग्रन्थ माला अद्यावधि मुद्रित ग्रन्थ मूल्यम्। 1 प्रबन्धचिन्तामणि-मेरुतुङ्गाचार्यविरचित-संस्कृत मूलग्रन्थ, विस्तृत हिन्दी प्रस्तावना समन्वित 3-12-0 2 पुरातनप्रबन्धसंग्रह-प्रबन्धचि० सदृश अनेकानेक पुरातन ऐतिहासिक प्रबन्धोंका विशिष्ट संग्रह 5-0-0 3 प्रबन्धकोष-राजशेखरसूरिरचित-संस्कृत मूलग्रन्थ, विस्तृत हिन्दी प्रस्तावना आदि सहित -0-0 4 विविधतीर्थकल्प-जिनप्रभसूरिकृत-पुरातन तीर्थस्थानोंका वर्णनात्मक अपूर्व ऐतिहासिक ग्रन्थ 4-4-0 5 देवानन्दमहाकाव्य मेघविजयोपाध्यायविरचित माघकाव्यकी समस्यापूर्तिरूप ऐतिहासिक काव्यग्रन्थ 2-12-0 6 जैनतर्कभाषा यशोविजयोपाध्यायकृत-मूलग्रन्थ तथा पं० सुखलालजीकृत विशिष्टव्याख्यायुक्त 2-0-0 7 प्रमाणमीमांसा-हेमचन्द्राचार्यकृत-मूलग्रन्थ तथा पं० सुखलालजीकृत विस्तृत हिन्दी विवरण सहित 5-0-0 8 अकलंकग्रन्थत्रयी-भट्टाकलंकदेवकृत-३ अप्रकाशित ग्रन्थोंका हिन्दी विवरण युक्त अभिनव प्रकाशन 5-0-0 9 प्रबन्धचिन्तामणि-हिन्दीभाषान्तर-हिन्दीमें सर्वथा नवीन ऐतिहासिक ग्रन्थ 3-12-0 10 प्रभावकचरित-प्रभाचन्द्रसूरिरचित-संस्कृत मूल ग्रन्थ, जैन ऐतिहासिक महाग्रन्थका उत्तम प्रकाशन 5-0-0 11 Life of Hemachandracharya: By Dr. G. Buhler. 3-8-0 12 Bhanuchandracharita: By Siddhichandra Upadhyaya. 6-0-0 पत्रव्यवहार संचालक-सिंघी जैन ग्रन्थमाला अनेकान्त विहार, 9 शान्तिनगर, आश्रम रोड. पो० साबरमती (अहमदाबाद) Published by Babu Rajendra Sinha Singhi, for Singhi Jaina Jnanapitha, Ballygunge, Calcutta. Printed by Ramchandra Yesu Shedge, at the Nirnaya Sagar Press, 26-28, Kolbhat Street, Bombay.

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