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59...कहीं भुनना न जाए
तापसी मेली विद्या के बल से राजमान्य पुरुष को मारकर
रात को ऋणदत्ता के हाथ, मुँह, बिस्तर आदि को मांस और खून से रंग देती। (OIONSIONORONOROCONVONG
मांसभक्षण का आरोप... वह तापसी मैली विद्या के बल से राजमान्य पुरुष को मारकर (निर्दोष) ऋषिदत्ता के हाथ और मुँह को माँस और खून से रंग देती। धीरे-धीरे यह बात प्रकट होने लगी। लोगों में चर्चा होने लगी, कि "ऋषिदत्ता राक्षसी है। वह रात्री में लोगों की हत्या कर माँस खाती है।"
____ राजकुमार ने ऋषिदत्ता से पूछा, कि "तू यह क्या करती है?" उसने नम्रता पूर्वक प्रत्युत्तर दिया कि मैं कुछ भी नहीं जानती हूँ। पूर्वभव के कर्मोदय के कारण मुझ पर किसी ने यह कलंक लगाया गया है। परंतु मैं कुछ नहीं जानती। यह सुनकर कुमार की शंका दूर हो गयी।
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