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कहीं मुनक्षा न जाए....90
आलोचना लेने से बने चमकते सितारे
कामलक्ष्मी स्वयं के बालक को रखकर पानी भरने गई थी।
1 माता पुत्र केवलजानी बने...
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लक्ष्मीतिलक नगर में एक दरिद्र वेदसार नामक ब्राह्मण था। उसकी पत्नी का नाम कामलक्ष्मी था। वेदसार ब्राह्मण के वेदविचक्षण नाम का पुत्र था। प्रतिपक्षी राजा ने लक्ष्मीतिलक नगर पर आक्रमण कर दिया। कामलक्ष्मी पानी भरने के लिए नगर के बाहर गई थी। आक्रमण के कारण नगर के दरवाजे बन्द कर दिये। अतः कामलक्ष्मी बाहर ही रह गई।
एक सिपाही उसे उठाकर राजा के पास ले गया। राजा ने उसे सौन्दर्य की मूर्ति जानकर अपनी रानी बना ली। कालान्तर में जब वेदविचक्षण बड़ा हो गया। तब उसे घर सौंप कर वेदसार ब्राह्मण अपनी पत्नी की खोज के लिये निकल पड़ा। Hain Education international
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सिपाही कामलक्ष्मी को पकड़कर राजा के पास ले गया।
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