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चालो आपणे साचा जैन बनीये
एक हती राजकुमारी गुज., अंग्रेजी = १००/
भक्तामर स्तोत्र सचित्र हिन्दी, गुज. = ३०/
चालो आपणे साचा जैन बनीये
गुज.
चलो अनानपूर्वी गीने हिन्दी, गुज. = ४०/
पर्युषण महापर्व के प्रवाऔर सांवत्सरिक क्षमाकन
हिन्दी, गुज. = १०/-1 पर्युषण महापर्व के ८ व्यारवान सहित सांवत्सरिक क्षमापना हे भेजने की अद्भुत भेंट।
प्रासंगिक मल्टी कलर में फोटो युक्त, हनुमानजी की मातुश्री अंजनासुदरी के चरित्र की करुण हृदयस्पर्शी कहानी है।
शत्रुजय तीर्थाधिपति श्री आदिनाथ भगवान के ४४ तीर्थों के दर्शन वाला सचिन भक्तामर स्तोत्र इसमें है।
श्रावक के दैनिक ६ कर्तव्य आदि विषयों का विस्तार से वर्णन इस पुस्तक में किया गया है।
सुंदर रंगीन अलग अलग २४ तीर्थकर भगवान के २४ चित्रों सहित अनानुपूर्वी की आकर्षक पुस्तक।
पूज्यश्री
कदारा
प्रस्तुत
उत्तम
साहित्य
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