Book Title: Parmatmaprakash
Author(s): Yogindudev, A N Upadhye
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal
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जोइंदु-विरइउ
[ 100:१-९८100) अप्पा णिय-मणि णिम्मलउ णियमें वसइ ण जास ।
सत्थ-पुराणइँ तव-चरणु मुक्खु वि करहिं कि तासु ॥९८।। 101) जोइय अप्पे जाणिएण जगु जाणियउ हवेइ ।
अप्पहँ केरइ भावडइ बिबिउ जेण वसेइ ।।९९।। 102) अप्प-सहावि परिहियहँ एहउ होइ विसेसु ।
दीसइ अप्प-सहावि लहु लोयालोउ असेसु ॥१००।। 103) अप्पु पयासइ अप्पु परु जिम अंबरि रवि-राउ ।
जोइय एत्थु म भंति करि एहउ वत्थु-सहाउ ॥१०१।। 104) तारायणु जलि बिबियउ णिम्मलि दीसह जेम।
अप्पए णिम्मलि बिंबियउ लोयालोउ वि तेम ||१०२।। 105) अप्पु वि पर वि वियाणइ जै अप्पे' मुणिएण।
सो णिय-अप्पा जाणि तुहुँ जोइय णाण-बलेण ।।१०३।। 106) णाणु पयासहि परमु महु कि अण्णे बहुएण ।
जेण णियप्पा जाणियइ सामिय एक्क-खणेण ।।१०४।। 107) अप्पा गाण मुणेहि तुहुँ जो जाणइ अप्पाणु ।
जीव-पएसहि तित्तिडउ णाणे गयण-पवाणु ।।१०।। 108) अप्पहें जे वि विभिण्ण वढ ते वि हवंति ण णाण ।
ते तुहुँ तिण्णि वि परिहरिवि णिमि अप्पु वियाणु ॥१०६॥ 109) अप्पा णाणहँ गम्मु पर णाणु वियाणइ जेण ।
तिणि वि मिल्लिवि जाणि तुहुँ अप्पा णाणे- तेण ॥१०७।। 110) णाणिय णाणिउ णाणिएण णाणिउँ जा ण मुणेहि ।
ता अण्णाणि णाणमउँ कि पर बंभु लहेहि ॥१०८।। 100) B तवयरणु, TKM सत्युपुराणे तउचरणु; TKM मोक्खु जि करइ किं तासु for the last pada. 101) Wanting in TKM; B अप्पि for अप्पें; C बिबउ....वसंति. 102) Wanting in TKM; अप्पि सहावि; Brahmadeva notes on alternative reading दीसइ अप्पसहाउ लहु. 103) Cजिम्व, TM जेव ( K जेउ) अंबरे. 104) TKM जले for जलि, णिम्मले....जेव; BC अप्पई, TKM अप्पए णिम्मले; A लोयालोय, TKM लोयालोय वि तेव. 105) TKM वियाणिजइ; Bfजं अप्पि, TKM जे अप्पे; TKM सो णिउ अप्पा मुणहि तुहं. 106) Wanting in TKM; B कि अण्णि. 107) TKM जीवपएसहि तेत्थडउ, ABC तित्तडउ, Brahmadeva has an alternative reading जीवपएसहि देहसमु; Cणाणिं, BC पमाणु, TKM गाणे गयणपमाणु. 108) Wanting in TKM, and no readings in others. 109) TKM परु, मुणहि तुहुँ for जाणि etc., मेल्लवि. 110) Wanting in TKM; C मुणेई and लहेइ.
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