Book Title: Parmatma ka Abhishek Ek Vigyan Author(s): Jineshratnasagar Publisher: Adinath Prakashan View full book textPage 6
________________ तपस्वी साधक पपू गिनेशरत्नसागरगी म.सा. की तपोगाथा प.पू. आचार्य नवरत्नसागरसरि जी म.सा. के शिष्य मुनि श्री जिनेशरत्नसागर जी म.सा. 68 उपवास संलग्न 52 उपवास संलग्न 45 उपवास संलग्न 42 उपवास संलग्न अभिग्रह पूर्वक 32 उपवास 2 बार उपवास 6बार उपवास 2 बार उपवास 9 बार 68 बेले बेले 44 बेले बेले 44 तेले 44 बेले वर्षांतम बेले से वर्षांतप छ: विगय त्याग से मौन पूर्वक | आजीवन छः विगय का त्याग सरल स्वभावी-स्वाध्याय प्रेमी मुनि श्री वीरेशरत्नसागरजी म.सा.Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 106