Book Title: Parishah Jayi Author(s): Shekharchandra Jain Publisher: Kunthusagar Graphics Centre View full book textPage 6
________________ ***परीषह-जयी ** * ** आर्थिक सहयोगी श्री जितेन्द्रकुमार रमेशचन्द कोटडिया धर्मवत्सल, संघपति श्री रमेशचन्द्र कोटडिया एवं संस्कार प्रिय माता शांतादेवी के पुत्र श्री जितेन्द्र कुमार कोटडिया अपने माता -पिता के धर्म संस्कारों से ओत-प्रोत हैं। बी.कोम. बम्बई में करने के पश्चात भाग्य आजमाने किशोरावस्था में ही अमरीका पहुँचे । श्रम और भाग्य के सहयोग से एक प्रतिष्ठित व्यापारी के रूप में स्थाई हुए । १५ वर्षों से अमरीका के फ्लोरिडा राज्य के ओरलेन्डो शहर में जो, आप्टेक सेन्टर के कारण विश्व के आकर्षण का केन्द्र है - वहीं स्थित हैं। फर्म :- जे एन्ड पी. ऐन्टर प्राइज के नाम से आप होलसेल गिफ्ट आइटेम के वितरक है। आपके चार भाइयों में श्रीपंकज, प्रफुल्ल एवं सुनील आपकी तरह बंबई में रहकर हीरे जवाहिरात के व्यवसाय में कार्यरत हैं । पत्नी सोमवती जी धर्मनिष्ट-संस्कारी महिला हैं जो पति के व्यवसाय में भी सहयोग देती हैं । आपके पुत्र रूपेश व पुत्री पूना छोटीसी उम्रमें पश्चिम सभ्यता में पलने पर भी जैन संस्कारों से परिपूर्ण हैं । श्री रमेशचन्द्रजी (पिता) के धनका उपयोग धर्म कार्यों में सदैव किया है। भारत की अनेक संस्थाओं में दान दिया है । इस वर्ष आपने पू. गणधराचार्य कुन्थुसागरजी के संघ को अहमदाबाद में गिरनार जी की यात्रा लगभग दो माह साथ रहकर पूर्ण व्यवस्था से करवाने का पुण्य लाभ लिया । युवा हँसमुख-धर्म प्रेमी जितेन्द्रकुमार ने सत्साहित्य के प्रकाशन को प्रोत्साहित करनेके लिए यह योगदान दिया है । आप अमरीका में भी धर्म-समाज के लिए तन-मन-धन से जुटे है । इस छोटी उम्र में भी जैन सेन्टर के अध्यक्ष रहे है । जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में आपकी सेवायें निरन्तर प्राप्त होती रहती है । Contect:- J. & P. Enterprises P.O.Box 690246,ORLANDO-FL.U.S.A. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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