Book Title: Parishah Jayi Author(s): Shekharchandra Jain Publisher: Kunthusagar Graphics Centre View full book textPage 5
________________ xxxvirdik परीषह-जयी * -*-* TRESSES लेखक परिचय डॉ. शेखरचन्द्र जैन एम.ए., पी-एच.डी.,एल.एल.बी., साहित्यरत्न शिक्षण व कार्यक्षेत्र अध्यक्ष : हिन्दी विभाग श्रीमती सद्गुणा सी. यु. आर्ट्स कोलेज फोर गर्ल्स ,अहमदाबाद साहित्यक रुचि :- काव्य ,कहानी,ऐकांकी ,एवं समीक्षा लेखन । प्रकाशित साहित्य :- "राष्ट्रीय कवि दिनकर और उनकी काव्य कला।" 'घर वाला', 'कठपुतली का शोर' (काव्य) 'नए गीत-नए स्वर', 'चेतना' । अन्य कवियों के साथ गुजरात के प्रतिनिधि हिन्दी कवि 'टूटते संकल्प' (कहानी संग्रह) 'इकाइयाँ-परछाइयाँ' कहानी संग्रह (सह-संपादक) कापड़िया अभिनन्दन ग्रन्थ (प्रधान-संपादक) आर्यिका ज्ञानमती माताजी अभिवंदन ग्रन्थ (सह-संपादक) गणधराचार्य कुन्थुसागरजी अभिवंदन ग्रन्थ (प्रधान-संपादक) The Directory of Gujarat (Co-editor) The Jain (Souvenir) Co-Editor आध्यात्मिक प्रकाशित साहित्य मुक्ति का आनन्द (हिन्दी-गुजराती) जैनाराधना की वैज्ञानिकता (गुजराती) जैनधर्म : सिद्धान्त और आराधना (हिन्दी) मृत्युञ्जयी केवलीराम (उपान्यास) तन साधो : मन बांधो (ध्यान संबंधी) (हिन्दी-गुजराती) मृत्यु महोत्सव (हिन्दी) ज्योतिर्धरा (कहानी संग्रह) (हिन्दी- गुजराती) परीषहजयी (कहानी संग्रह) (हिन्दी) प्रधान संपादक :-"तीर्थंकरवाणी" (मासिक पत्र) Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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