Book Title: Panchbhashi Pushpmala Hindi
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Vardhaman Bharati International Foundation

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Page 10
________________ पंचभाषी पुष्पमाला की व्यापक दृष्टि से प्रेरित हमारा लेख 'प्रतीक्षा है सूर्य की' जो कि प्रस्तुत और प्रकाशित हो चुका है हमारी सम्पादित द्वि-भाषी एवं 'सप्तभाषी आत्मसिद्धि' कृतियों में । इस विषय में सर्व मित्रों, अध्येताओं, श्रीमद्साधकों, पाठकों के सुझावों-सूचनाओं का स्वागत है । जानकारी हेतु इस लघुकृति का सामान्य- प्रारूपरूपरेखा भी सम्बद्ध है । अंत में विनम्र एवं कृतज्ञ भाव से हम स्वयं श्रीमद्जी द्वारा संस्थापित सुबोधक पुस्तकालय, खंभात के कर्णधारों के एवं पू. साध्वी श्री भावप्रभाश्रीजी के प्राक्कथन एवं 'पुष्पमाला एक परिचर्यन' का गुजराती से हिन्दी में अनुवाद प्रस्तुत करने की अनुमति के लिए, श्री कुरोराम बॅनर्जी तथा श्री प्रदीप कोठारी, कलकत्ता, एवं कन्नड़ अनुवाद के लिए कु. एस्. चित्रा, बंगलोर के हम आभारी हैं। सुंदर मुद्रण के लिए हमारे मित्र मुद्रकों एवं अनेक प्रकार से इस कार्य में सहयोग देनेवाले अनेक मित्रों के भी हम आभारी हैं। भावनगर के श्री महेन्द्रभाई शाह एवं अहमदाबाद के श्री चीमनभाई लालभाई शाह आदि को तो हम कैसे भूल सकते हैं? विद्वद्वर्य श्री वसंतभाई जिनभारती -

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