Book Title: Panchbhashi Pushpmala Hindi
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Vardhaman Bharati International Foundation

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Page 24
________________ રર पंचभाषी पुष्पमाला ६. यदि तुम्हारे द्वारा अघटित कृत्य हुए हों तो लज्जित होकर के मन, वचन और काया के योग से ऐसा नहीं करने की प्रतिज्ञा धारण करें। ७. यदि तुम संसार समागम में स्वतंत्र हो तो अपने आज के दिन को निम्नानुसार विभागित करें: (१) १ प्रहर - भक्तिकर्तव्य (२) १ प्रहर - धर्मकर्तव्य (३) १ प्रहर - आहार प्रयोजन (४) १ प्रहर - विद्या प्रयोजन (५) २ प्रहर - निद्रा (६) २ प्रहर - संसार प्रयोजन ८ प्रहर यदि तुम त्यागी हो तो त्वचारहित वनिता के स्वरूप का चिंतन कर के संसार की ओर दृष्टि करना। ९. यदि तुम्हें धर्म का अस्तित्व अनुकूल दिखाई नहीं देता हो तो निम्न कथन पर चिंतन करो:(१) तुम जो, जिस स्थिति को, भुगत रहे हो वह किस प्रमाण से? (२) आगामी कल की बात क्यों जान नहीं सकते हो? ७ जिनभारती

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