Book Title: Panchbhashi Pushpmala Hindi
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Vardhaman Bharati International Foundation

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Page 16
________________ पंचभाषी पुष्पमाला १४ श्रीमद् राजचंद्रजी द्वारा दस वर्ष की बालआयु में प्रणीत पुष्पमाला प्राक् कथन इस पुष्पमाला में परमात्मा ने धर्म की विधि. अर्थ की विधि, काम की विधि तथा मोक्ष की विधि पर प्रकाश डाला है। इस में उनकी प्रभुता की प्रतिभा झलक रही है। पुष्पमाला का प्रत्येक वचन मोहनीय को टालने का सामर्थ्य रखता है। उपयोगपूर्वक अभ्यास करने से हम अवश्य मोह की मंदता का लाभ प्राप्त कर सकते हैं ऐसी निःशंक श्रद्धा को ये वचन जन्म देते हैं। ॐ जिनभारती

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