Book Title: Niryukti Panchak Part 3
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 16
________________ नियुक्ति साहित्य : एक पर्यवेक्षण ४९ १. नियुक्ति का स्वरूप • सूत्रकृतांगनियुक्ति २. नियुक्ति का प्रयोजन १८ | १२. दशाश्रुतस्कंध एवं उसकी नियुक्ति ३. नियुक्तियों की संख्या ● नामकरण ४. नियुक्ति-रचना का क्रम ● रचनाकार ५. आचार्य गोविंद एवं उनकी नियुक्ति ● अध्ययन एवं विषयवस्तु ६. दशवैकालिक सूत्र एवं उसकी नियुक्ति • दशाश्रुतस्कंधनियुक्ति • रचनाकार का परिचय १३. नियुक्तियों की गाथा-संख्या: एक रचना का उद्देश्य अनुचिंतन ७ नामकरण १४. नियुक्ति में निक्षेप-पद्धति ० नि!हण १५. नियुक्तिपंचक का रचना-वैशिष्ट्य • रचनाकाल १६. छंद-विमर्श ● भाषा-शैली १७. निर्जरा की तरतमता के स्थान ० अध्ययन एवं विषयवस्तु १८. भावनाएं ० दशवैकालिकनियुक्ति . दर्शनभावना ७. दशवैकालिक की एक नयी नियुक्ति २९ • ज्ञानभावना ८. उत्तराध्ययन सूत्र एवं उसकी नियुक्ति ३१ चारित्रभावना • नामकरण • तपोभावना • कर्तृत्व वैराग्यभावना ● रचनाकाल १९. प्रणिधि/प्रणिधान • अध्ययन एवं विषयवस्तु २०. साधना के बाधक तत्त्व • उत्तराध्ययननियुक्ति २१. त्रिवर्ग ९. आचारांग सूत्र एवं उसकी नियुक्ति ३७ . रचनाकार • अर्थ रचनाकाल • काम • भाषा एवं रचना-शैली २२. वर्ण-व्यवस्था एवं वर्णसंकर जातियां • अध्ययन एवं विषयवस्तु • वर्णसंकर जातियां • आचारांगनियुक्ति वर्णान्तर के संयोग से उत्पन्न १०. महापरिज्ञा अध्ययन एवं उसकी नियुक्ति ४३ ।। जातियां ७ महापरिज्ञा शब्द...... २३. स्थावरकाय ११. सूत्रकृतांग एवं उसकी नियुक्ति स्थावरकाय में जीवत्व-सिद्धि • नामकरण • पृथ्वीकाय • रचनाकार एवं रचनाकाल • अप्काय • अध्ययन एवं विषयवस्तु • तैजस्काय • धर्म ८५ ८८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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