Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya
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-XVI.108] मायाधम्मकहाओ
185 करेत्तए त्तिकट्टु एवं संपेहेइ २ पंडुरायं आपुच्छइ २ उप्पयाणिं विज आवाहेइ २ ताए उक्किट्ठाए जाव विजाहरगईए लवणसमुई मज्झमज्झेणं पुरत्थाभिमुहे वीईवइउं पयत्ते यावि होत्था । तेणं कालेणं २ धायइसंडे दीवे पुरथिमद्धदाहिणभरहवासे अवरकंका नाम रायहाणी होत्था । तत्थ णं अवरकंकाए रायहाणीए पउमनाभे नामं राया होत्था महया हिमवंत वण्णओ । तस्स णं पउमनाभस्स रन्नो सत्त देवीसयाई ओरोहे होत्था । तस्स णं पउमनाभस्स रनो सुनाभे नाम पुत्ते जुवरायावि होत्था । तए णं से पउमनाभे राया अंतोतेउरंसि ओरोहसंपरिबुडे सीहासणवरगए विहरइ । तए णं से कच्छुल्लनारए जेणेव अवरकंका रायहाणी जेणेव पउमनाभस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ २ पउमनाभस्स रन्नो भवणसि झत्ति वेगेण समोवइए । तए णं से पउमनाभे कच्छुल्लनारयं एजमाणं पासइ २ आसणाओ अब्भुट्टेइ २ अग्घेणं जाव आसणेणं उवनिमंतेइ । तए णं से कच्छुल्लनारए उदयपरिफोसियाए दब्भोवरिपञ्चत्थुयाए भिसियाए निसीयइ जाव कुसलोदंतं आपुच्छइ । तए णं से पउमनाभे राया नियगओरोहे जायविम्हए कच्छुल्लनारयं एवं वयासीतुमं देवाणुप्पिया! बहूणि गामाणि जाव गिहाई अणुपविससि । तं अस्थियाइं ते कहिंचि देवाणुप्पिया ! एरिसए ओरोहे दिद्वयुव्वे जारिसए णं मम ओरोहे ? तए णं से कच्छुल्लनारए पउमनाभेणं एवं वुत्ते समाणे ईसिं विहसियं करेइ २ एवं वयासी-सरिसे णं तुम पउमनाभा ! तस्स अगडदहुरस्स । के णं देवाणुप्पिया ! से अगडदहुरे ? एवं जहा मलिणाए एवं खलु देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे २ भारहे वासे हथिणाउरे नयरे दुपयस्स रन्नो धूया चुलगीए देवीए अत्तया पंडुस्स सुण्हा पंचण्हं पंडवाणं भारिया दोवई देवी रूवेण य जाव उक्किट्ठसरीरा । दोवईए णं देवीए छिन्नस्सवि पायंगुट्ठस्स अयं तव ओरोहे संयपि कलं न अग्घइ तिकटु पउमनाभं आपुच्छइ जाव पडिगए । तए णं से पउमनाभे राया कच्छुल्लनारयस्स अंतिए एयमहूं सोचा निसम्म दोवईए देवीए रूवे य ३ मुच्छिए ४ जेणेक पोसहसाला तेणेष उवागच्छङ २

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