Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya
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नायाधम्मकहाओ [XVI.128कच्छुल्लनारए दंसणेणं अइभहए विणीए अंतो य कलुसहियए मज्झत्थउवस्थिए य अल्लीणसोमपियदसणे सुरूवे अमइलसगलपरिहिए कालमियचम्मउत्तरासंगरइयवच्छे दण्डकैमण्डलुहत्थे जडामउडदित्तसिरए जन्नोवइयगणेत्तियमुंजमेहलावागलधरे हत्थकयकच्छभीए पियगंधव्वे धरणिगोयरप्पहाणे संवरणावरणओवयणुप्पयणिलेसणीसु य संकामणिआभिओगपन्नत्तिगमणीथंभिणीसु य बहूसु विजाहरीसु विज्जासु विस्सुयजसे इढे रामस्स य केसवस्स य पज्जुन्नपईवसंबअनिरुद्धनिसढउम्मयसारणगयसुमुहदुम्मुहाईणं जायवाणं अद्भुट्ठाण य कुमारकोडीणं हिययदइए संथवए कलहजुद्धकोलाहलप्पिए भंडणाभिलासी बहूसु य समरसयसंपराएसु दसणरए समंलओ कलहं सदक्खिणं अणुगवेसमाणे असमाहिकरे दसारवरवीरपुरिसतेलोक्कबलवगाणं आमंतेऊण तं भगवई पक्कमणिं गगणगमणदच्छं उप्पइओ गर्गणमभिलंघयंतो गामागरनगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणसंबाहसहस्समंडियं थिमियमेइणीतलं वसुहं ओलोइंते" रम्मं हथिणारं उवागए पंडुरायभवणंसि अइवेगेण सैमोवइए । तए णं से पंडू राया कच्छुल्लनारयं एन्जमाणं पासइ २ पंचहिं पंडवेहिं कुंतीए य देवीए सद्धिं आसणाओ अब्भुढेइ २ कच्छुल्लनारयं सत्तट्ठपयाई पच्चुग्गच्छइ २ तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ २ वंदइ नमसइ २ महरिहेणं आसणेणं उवनिमतेइ । तए णं से कच्छुल्लनारए उद्गपरिफोसियाए दब्भोवरिपच्चुत्थुयाए भिसियाए निसीयइ २ पंडुरायं रज्जे य जाव अंतेउरे य कुसलोदंतं पुच्छइ । तए णं से पंडूराया कोंती य देवी पंच य पंडवा कच्छुल्लनारयं आढ़ति जाव पज्जुवासंति । तए णं सा दोवई देवी कच्छुल्लनारयं अस्संजयअविरयअप्पडिहयअपञ्चक्खायपावकम्म तिकटु नो आढाइ नो परियाणइ नो अब्भुढेइ नो पज्जुवासइ ।
(128) तए णं तस्स कच्छुल्लनारयस्स इमेयारूवे अज्झथिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था- अहो णं दोवई देवी रूवेण य जाव लावण्णेण य पंचहिं पंडवेहिं अवत्थद्धा समाणी ममं नो आढाइ जाव नो पज्जुवासइ । तं सेयं खलु मम दोवईए देवीए विप्पियं

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