Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya

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Page 195
________________ 188 नायाधम्मका श्रो [XVI,-129 विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ तिकट्टु घोसणं घोसावेह २ ऐयमाणन्तियं पञ्चप्पिणह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पञ्चष्पिणंति । तए णं से पंडूराया दोवईए देवीए कत्थइ सुई वा जाव अलभमाणे कोंतीं देवीं सहावेइ २ एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! बारवई नयरिं कण्हस्स वासुदेवरस एयमहं निवेदेहि । कण्हे णं परं वासुदेवे दोवईए मम्गणगवेसणं करेजा अन्ना न नज्जइ दोवईए देवीए सुई वा खुई वा पवत्तिं वा उवलभेज्जा । तए णं सा कोंती देवी पंडुणा एवं वुत्ता समाणी जाव पडणेइ २ हाया कयबलिकम्मा हत्थिखंधवरगया हत्थिणपुरं नयरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ २ कुरुजणवयं मज्झमज्झेणं जेणेव सुरट्ठाजणवए जेणेव बारवई नयरी जेणेव अग्गुज्जाणे तेणेव उवागच्छइ २ हत्थिखंधाओ पच्चोरुहइ २ कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! जेणेवं बारवई नयारं अणुपविसह २ कण्हं वासुदेवं करयल० एवं वयहएवं खलु सामी ! तुब्भं पिउच्छा कोंती देवी हत्थिणाउराओ नयराओ इहं हव्वमागया तुब्भं दंसणं कखइ । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव कहेंति । तए णं कण्हे वासुदेवे कोटुंबिय पुरिसाणं अंतिए एयमहं सोचा निसम्म हट्टे हत्थिखंधवरगए हयगय ० बारवईए नयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव कोंती देवी तेणेव उवागच्छइ २ हत्थिखंधाओ पचोरुहइ २ कती देवीए पायग्ग्रहणं करेइ २ कोंतीए देवीए सद्धिं हत्थिखंधं दुरूहइ २ बारवई नयरीं मज्झं मज्झेणं जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ सयं गिद्दं अणुप्पविसइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंतिं देविं हायं कयबलिकम्मं जिमियभुत्तत्तरागयं जाव सुहासणवरगयं एवं वयासी - संदिसउ णं पिउच्छा ! किमागमणपओयणं । तए णं सा कोंती देवी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी एवं खलु पुत्ता ! हत्थणाउरे नयरे जुहिट्ठिल्लस्स रन्नो आगासतलए सुहप्पसुत्तस्स पासाओ दोवई देवी न नज्जइ केणइ अवहिया जाव अवक्खित्ता वा । तं इच्छामि णं पुत्ता ! दोवईए देवीए मग्गणगवेसणं कैयं । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंतीपिउच्छि एवं वयासी - जं नवरं पिउच्छा दोवईए देवीए कत्थइ सुई वा जाव

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