Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya
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-XVIII.1411 नायाधम्मकहाओ
209 निग्गच्छइ २ जेणेब सीहगुहा चोरपल्ली मेक उबागच्छइ २ विजयं चोरसेणावई उवसंपजित्ताणं विहरइ । वए णं से चिलाए दासचेडे विजयस्स चोरसेणावइस्स अग्गे असिलहिग्गाहे जाए यावि होत्था । जाहे वि य णं से विजए चोरसेणावई गामघायं वा जाव पंथकोर्टि वा काउं वञ्चइ ताहे वि य णं से चिलाए दासचेडे सुबहुंपि' कवियबलं हयमहिय जाव पडिसेहेइ २ पुणरवि लद्धढे कयकज्जे अणहसमगो सीहगुहं चोरपल्लिं हव्वमागच्छइ । तए णं से विजए चोरसेणावई चिलायं तकरं बहुओ चोरविजाओ य चोरमंते य चोरमायाओ य चोरनिगडीओ य सिक्खावेइ । तए णं से विजए चोरसेणावई अन्नया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते यावि होस्था । वए गं वाई पंचचोरमयाई विजयरस चोरसेणावइस्स महया २ इड्डीसक्कारसमुदएणं नीहरणं करेंति २ बहूई लोइयाइं मयकिच्चाई करेंति २ जाव विगयसोया जाया यावि होत्था । तए णं ताई पंचचोरसयाई अन्नमन्त्रं सदावेंति २ एवं वयासी- एवं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! विजए चोरसेणावई कालधम्मुणा संजुत्ते । अयं च णं चिलाए तक्करे विजएणं चोरसेणावइणा बहूओ चोरविजाओ य जाव सिक्खाविए । तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! चिलायं तकरं सीहगुहाए चोरपल्लीए चोरसेणावइत्ताए अभिसिंचित्तए तिकटु अन्नमनस्ल एयमटुं पडिसुणेति २ चिलायं सीहगुहाए चोरपल्लीए चोरसेणावइत्ताए अभिसिंचंति । तए णं से चिलाए चोरसेणावई जाए अहम्मिए जाव विहरइ । तए णं से चिलाए चोरसेणावई चोरनायगे जाव कुडंगे यावि होत्था । से णं तत्थं सीहगुहाए चोरपल्लीए पंचण्हं चोरसयाण य एवं जहा विजओ तहेब सव्वं जाव रायगिहस्स नयरस्स दाहियपुरथिमिलं जणवयं जाव नित्था निद्धणं करेमाणे विहरइ ।
__(141) तए मं से चिलाए चोरसेगावई अन्नया कयाइ विपुलं असणं ४ उचक्खडावेइ २ ते पंच चोरसए आमंतेइ वओ पच्छा पहाए कयबलिकम्मे भोयणमंडवंसि तेहिं पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं विपुलं असणं ४ सुरं च जाव पसन्नं च आमाएमा ४ विहरइ जिमियभुचुत्तागए

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