Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya
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-II.1.151] नायाधम्मकहाओ
225 अभिक्खणं २ हीलेंति निंदति खिंसेंति गरहंति अवमन्नंति अभिक्खणं २ एयमढें निवारेति । तए णं तीसे कालीए अजाए समणीहिं निग्गंथीहिं अभिक्खणं २ हीलिजमाणीए जाव वारिजमाणीए इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पन्जित्था । जया णं अहं अगारवासमझे वसित्था तया ण अहं सयंवसा । जप्पभिई च णं अहं मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया तप्पभिइं च णं अहं परवसा जाया । तं सेयं खलु मम कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलंते पाडिकयं उवस्सयं उवसंपजित्ताणं निहरित्तए त्तिकट्टु एवं संपेहेइ २ कल्लं जाव जलंते पौडिकं उवस्सयं गेण्हइ तत्थ णं अणिवारिया अणोहट्टिया सच्छंदमई अभिक्खणं २ हत्थे धोवेइ जाव आसयइ वा सयइ वा । तए णं सा काली अजा पासस्था पासत्थविहारी ओसन्ना ओसन्नविहारी कुसीला कुसीलविहारी अहाछंदा अहाछंदविहारी संसत्ता संसत्तविहारी बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ २ अद्धमासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसेइ २ तीसं भत्ताई अणसणाए छेएइ २ तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिक्कंता कालमासे काळं किच्चा चमरचंचाए रायहाणीए कालवडिंसए भवणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि देवंदूसंतरिया अंगुलस्स असंखेजभागमेत्ताए ओगाहणाए कालीदेवित्ताए उववन्ना। तए णं सा काली देवी अहुणोववन्ना समाणी पंचविहाए पज्जत्तीए जहा सूरियाभो जाव भासामणपज्जत्तीए । तए णं सा काली देवी चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव अन्नसिं च बहूणं कालवडेंसगभवणवासीणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं जाव विहरइ । एवं खलु गोयमा ! कालीए देवीए सा दिव्वा देविड्डी ३ लद्धा पत्ता अभिसमन्नागया । कालीए णं. भंते ! देवीए केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! अड्डाइजाई पलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता । काली णं भंते ! देवी ताओ देवलोगाओ अणंतरं उवट्टित्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववजिहिइ ? गोयमा! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ । एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपचेणं पढमस्स वग्यस्स पढमज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते तिबेमि।
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