Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya

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Page 202
________________ 195 -XVI.191] नायाधम्मकहाओ चकवट्टी वा चक्कवहि पासंति बलदेवा वा बलदेवं पासंति वासुदेवा वा वासुदेवं पासंति । तहवि य णं तुमं कण्हस्स वासुदेवस्स लवणसमुहं मझमज्झेणं वीईवयमाणस्स सेयापीयाइं धयग्गाई पासिहिसि । तए णं से कविले वासुदेवे मुणिसुव्वयं वंदइ नमसइ २ हत्थिखधं दुरूहइ २ सिग्धं तुरियं जेणेव वेलाकूले तेणेव उवागच्छइ २ कण्हस्स वासुदेवस्स लवणसमुई मज्झमझेणं वीईवयमाणस्स सेयापीयाइं धयग्गाइं पासइ २ एवं वयइ - एस णं मम सरिसपुरिसे उत्तमपुरिसे कण्हे वासुदेवे लवणसमुहं मझमझेणं वीईवयइ त्तिकटु पंचयन्नं संखं परामुसइ २ मुहवायपूरियं करेइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे कविलस्स वासुदेवस्स संखसदं आयण्णेइ २ पंचयन्नं जाव पूरियं करेइ । तए णं दोवि वासुदेवा संखसहसमायारिं करेंति । तए णं से कविले वासुदेवे जेणेव अवरकंका तेणेव उवागच्छइ २ अवरकंकं रायहाणिं संभग्गतोरणं जाव पासइ २ पउमनाभं एवं वयासी-किन्नं देवाणुप्पिया! एसा अवरकंका संभग्ग जाव सन्निवइया ? तए णं से पउमनाभे कविलं वासुदेवं एवं वयासी- एवं खलु सामी! जंबुद्दीवाओ २ भारहाओ वासाओ इहं हव्वमागम्म कण्हेणं वासुदेवेणं तुन्भे परिभूय अवरकंका जाव सन्निवडिया। तए णं से कविले वासुदेवे पउमनाभस्स अंतिए एयमढे सोच्चा पउमनाभं एवं वयासी - हं भो पउमनामा! अपत्थियपत्थिया ५ ! किन्नं तुमं जाणसि मम सरिसपुरिसस्स कण्हस्स वासुदेवस्स विप्पियं करेमाणे ?आसुरुत्ते जाव पउमनाभं निव्विसयं आणवेइ पउमनाभस्स पुत्तं अवरकंकाए रायहाणीए महया २ रायाभिसेएणं अभिसिंचइ जाव पडिगए। ___ (131) तए णं से कण्हे वासुदेवे लवणसमुहं मझमझेणं वीईवयइ ते पंचपंडवे एवं वयासी- गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया! गंगं महानई उत्तरह जाव ताव अहं सुट्टियं लषणाहिवई पासामि । तए णं ते पंच पंडवा कण्हेणं २ एवं वुत्ता समाणा जेणेव गंगा महानदी तेणेव उवागच्छंति २ एगट्टियाए नावाए मग्गणगवेक्षणं करेंति २ एगट्ठियाए नावाए गंगं महानइं उत्तरंति २. अन्नमन्नं एवं वयंति -- पहू. णं देवाणुप्पिया!

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