Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya
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199
-xvi.135]
नायाधम्मकहाओ भिसेयं जाव उवहवेह पुरिससहस्सवाहिणीओ सिबियाओ उवहवेह जाव पञ्चोरुहंति जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छंति जाव आलित्ते णं जाव समणा जाया चोहस्स पुव्वाइं अहिजंति २ बहूणि वासाणि छट्ठट्ठमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं अप्पाणं भावेमाणा विहरति ।
(134) तए णं सा दोवई देवी सीयाओ पच्चोरुहइ जाव पव्वइया सुव्वयाए अजाए सिस्सिणियत्ताए दलयइ एक्कारस अंगाई अहिजइ बहूणि वासाणि छहमदसमदुवालसेहिं जाव विहरइ । - (135) तए णं थेरा भगवंतो अन्नया कयाइ पंडुमहुराओ नयरीओ सहसंबधणाओ उज्जाणाओ पडिनिक्खमंति २ बहिया जणवयविहारं विहरति । तेणं कालेणं २ अरहा अरिहनेमी जेणेव सुरट्ठाजणवए तेणेव उवागच्छइ २ सुरहांजणवयंसि संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ ४ - एवं खलु देवाणुप्पिया! अरहा अरिहनेमी सुरट्ठाजणवए जाव विहरइ । तए णं ते जुहिडिल्लपामोक्खा पंच अणगारा बहुजणस्स अंतिए एयमहँ सोच्चा अन्नमन्नं सहावेंति २ एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया! अरहा अरिहनेमी पुव्वाणुपुर्वि जाव विहरइ । तं सेयं खलु अम्हं थेरा आपुच्छित्ता अरहं अरिट्टनेमि वंदणाए गमित्तए अन्नमन्नस्स एयमढे पडिसुणेति २ जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छंति २ थेरे भगवते वंदति नमसंति २ एवं वयासी- इच्छामो णं तुन्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणा अरहं अरिट्टनेमि जाव गमित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया! तए णं ते जुहिडिल्लपामोक्खा पंच अणगारा थेरेहिं अब्भणुनाया समाणा थेरे भगवंते वंदति नमसंति २ थेराणं अंतियाओ पडिनिक्खमंति मासंमासेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं गामाणुगामं दूइज्जमाणा जाव जेणेव हत्थकप्पे तेणेव उवागच्छंति हत्थकप्पस्स बहिया सहसंबवणे उजाणे जाव विहरति । तए णं ते जुहिढिल्लवजा चत्तारि अणगारा मासक्खमणपारणए पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेंति बीयाए एवं जहा गोयमसामी नवरं जुहिडिल्लं आपुच्छंति जाव अडमाणा बहुजणस निसामेति । एवं खलु देवाणुप्पिया! अरहा

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