Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya

View full book text
Previous | Next

Page 197
________________ 190 नायाधम्मकहाओ [XVI.129 सन्नाहियं भेरि तालेह तेवि तालेति । तए णं तीए सन्नाहियाए भेरीए सई सोच्चा समुद्दविजयपामोक्खा दस दसारा जाव छप्पन्नं बलवगसाहस्सीओ सन्नद्धबद्ध जाव गहियाउहपहरणा अप्पेगइया हयगया अप्पेगइया गयगया जाव मणुस्सवग्गुरापरिक्खित्ता जेणेव सभा सुहम्मा जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव वद्धाति । तए णं से कण्हे वासुदेवे हत्थिखंधवरगए सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवर० हयगय महया भडचडगरपहकरेणं बारवईए नयरीए मझमझेणं निग्गच्छइ जेणेव पुरथिमवेयाली तेणेव उवागच्छइ २ पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं एगयओ मिलाइ २ खंधावारनिवेसं करेइ २ पोसहसालं करेइ २ पोसहसालं अणुप्पविसइ २ सुट्टियं देवं मणसीकरेमाणे २ चिट्ठइ । तए णं कण्हस्स वासुदेवस्स अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि सुट्टिओ जाव आगओ [एवं वयइ-] भण देवाणुप्पिया! जं मए कायव्वं । तए णं से कण्हे वासुदेवे सुट्टियं एवं वयासी – एवं खलु देवाणुप्पिया ! दोवई देवी जाव पउमनाभस्स भवणंसि साहियाँ । तण्णं तुमं देवाणुप्पिया ! मैम पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं अप्पछट्ठस्स छण्हं रहाणं लवणसंमुद्दे मग्गं वियराहि जा णं' अहं अवरकंकारायहाणिं दोवईए कूवं गच्छामि । तए णं से सुटिए देवे कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-किण्णं देवाणुप्पिया ! जहा चेव पउमनाभस्स रन्नो पुव्वसंगइएणं देवेणं दोवई जाव साहिया तहा चेव दोवइं देविं धायईसंडाओ दीवाओ भारहाओ जाव हत्थिणारं साहरामि उदाहु पउमनाभं रायं सपुरबलवाहणं लवणसमुद्दे पक्खिवामि ? तए णं से कण्हे वासुदेवे सुट्ठियं देवं एवं वयासी - मा णं तुमं देवाणुप्पिया ! जाव साहराहि । तुमं णं देवाणुप्पिया! मम लवणसमुद्दे पंचहिं पंडवहिं सद्धिं अप्पछट्ठस्स छण्हं रहाणं मग्गं वियराहि । सयमेव णं अहं दोवईए कुवं गच्छामि । तए णं से सुट्टिए देवे कण्हं वासुदेवं एवं वयासी – एवं होउ णं । पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं अप्पछट्ठस्स छण्हं रहाणं लवणसमुद्दे मग्गं वियरइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे चाउरंगिणिं सेणं पडिविसज्जेइ २ पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं अप्पछट्टे छहिं रहेहिं लवणसमुहं मझमज्झेणं

Loading...

Page Navigation
1 ... 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254