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परमात्मा ने चार तरह की नावे रखी हैं साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविका। व्यवहार भाषा में इनका महत्त्व बोटों के नाम से समझने में आसान होगा।
१) मोटर बोटः इसे यांत्रिक बोट कहते हैं। २) सैलबोट : जोसढसेचलती है। ३)रौ-बोटःजपपतवार से चलती है। ४) पैडलबोट: जोपाँवसेदबाकर चलती है।
चारों नौका के प्रकार अलग हैं, गति अलग है, पद्धति अलग है पर सभी नांव समंदर पार कर तटपर अवश्य पहुंचाती है।
संसार समुद्र है। तटपर से सुहावना लगता है परंतु कभी भयंकर हो सकता है। तिण्णाणं तारयाणं हमें सह्यालकर शासन की नौका में बैठाकर तटपर लाते हैं। तीर्थ में सुरक्षित करते हैं। बोध देकर मोक्ष तक ले जाते हैं। आज हम तिण्णाणं तारयाणं का जापकर ऐसा अनुभव करें कि हम तटपर पहुंचकर बुद्धाणं बोहयाणं से प्रार्थना करते हैं कि हमें बोध दो और मोक्ष प्राप्त कराओ।
नमोत्थुणं तिण्णाणं तारयाणं नमोत्थुणं तिण्णाणं तारयाणं नमोत्युणं तिण्णाणंतारयाणं
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