Book Title: Munhata Nainsiri Khyat Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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मुंहता नैणसीरी ख्यात
प्रथी, तिण सारैरा धणी आठमा नरेस कहावै । कैलपुरा कहावै सु के दिन कैलवै वसीया । आहाड़ा कहावै सु के दिन आहाड़ वसीया । वात राणा चीतोड़रा धणीयांरी -
एक तो उपरलै' पांनै ४९७ लिखी छै नै वात एक पोकरण बांभण' कवीसर जसवंतरो भाई जोसी मनोहरदास इण भांत मंडाई छै
इणरो विजैपांन गोत्र । ब्रह्मारो बेटो विजेपांन हुवो । तिणरो परवार
अ घणां दिन बांभण थका' बड़ा रिखीश्वर' हुवा | बड़ी तपसीया करी । इतरी पीढी तांई सर्मा' कहांणां । पीढीयांरी विगत
१९. लेखसर्मा २३. पीचसर्मा
२०. राजसर्मा २४ वेदसम
२६. कलससर्मा २७. जनसर्मा
२८. लिलाटसम
१. ब्रह्मा २. विजैपांन ५. विजैसर्मा : ६. खेमसर्मा ९. नरसर्मा १०. गजसम १३. जयसर्मा १४. वसुसर्मा १७. चीरसर्मा १८. विजैसर्मा २१. विराजसम२२. हरखसर्मा २५. हृदैसर्मा २९. वासंतसर्मा ३०. नरसर्मा ३१. हरसम ३३. सुऋतसर्मा ३४. सुभाख्यसर्मा ३५ सुबुद्धसर्मा ३६ विश्वसर्मा ३७. वरदेवसर्मा ३८ कामपतिसम३९. नरनाथसर्मा ४० पीतसर्मा ४१. हेमवर्णसम ४२. जनकारसम४३. राजासर्मा ४४. गालवदेवसर्मा ४५. गालवसर्मा ४६.गालवसुरसर्मा४७. पालदेवसर्मा ४८. हंर्जनरसर्मा ४९.हर्जनकारसम५० दरमादिसर्मा५ १. गोविंदसर्मा ५२. गोवरधनसम ५३. गोदसीससम५४. वाक्यसम ५५. विराटसर्मा ५६. वेगसर्मा ५७. नित्यानंदसर्मा ५८: वनसर्मा ।
३२. धर्मसर्मा
३. देवसर्मा
७. रिखीसर्मा
११. वायसर्मा
१५. केसवसर्मा
४. अग्नसम ८. जगसम
१२. दतसर्मा १६. जायसर्मा
शुभं भवतु ॥
1 उपरोक्त । 2 ब्राह्मण 13 लिखाई है। 4 ये 15 रहते हुए 16 ऋषीश्वर । 7 शर्मा ।

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