Book Title: Multidimensional Application of Anekantavada
Author(s): Sagarmal Jain, Shreeprakash Pandey, Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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Multi-dimensional Application of Anekāntavāda
तथा। (५) मनोविक्षिप्त अपराधी में विभाजित करता है। प्रमुख अमेरिकी समाज वैज्ञानिकों का मानना है कि अपराध के लिए व्यक्तित्व की कुछ विशेषताएं या गुण ही प्राथमिक रूप से उत्तरदायी हैं।
डेविड ड्रेसलर ने अपराध और बाल अपराध के कारणों की निम्नलिखित तालिका प्रस्तुत की है -
१. बाल्यावस्था में अभिभावकों का अत्यधिक लाड़-प्यार। २. बाल्यावस्था में अभिभावकों का अपर्याप्त स्नेह। ३. घर में अत्यधिक शारीरिक दण्ड। ४. घर में अपर्याप्त शारीरिक दण्ड। ५. घर में असंगत शारीरिक दण्ड । ६. विपन्न बाल्यकाल । ७. अत्यधिक सम्पन्न बाल्यकाल। ८. अत्यधिक शिक्षा । ९. अपर्याप्त शिक्षा । १०. धार्मिक प्रशिक्षण का अभाव । ११. अतिदबावमूलक धार्मिक प्रशिक्षण । १२. भग्न परिवार या घर । १३. विवाह विच्छेद या पारिवारिक गहन विच्छिन्नता। १४. निर्धनता १५. धनाढ्यता १६. पुलिस की कड़ी व्यवस्था । १७. अत्यधिक दमनकारी पुलिस व्यवस्था । १८. मन्दबुद्धिता १९. बौद्धिक कुशाग्रता २०. जासूसी एवं अपराध साहित्य। २१. चलचित्रों से हिंसा का बढ़ता हुआ प्रदर्शन ।
भारत सरकार के अनुसार बाल अपराध के कारकों की उद्भावन सूची इस प्रकार है१. जैवकीय कारक -
१. शारीरिक विकार (२) बुरा स्वास्थ्य (३) वैकासिक दोष (४) विकास की अधिकता।
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