Book Title: Multidimensional Application of Anekantavada
Author(s): Sagarmal Jain, Shreeprakash Pandey, Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Parshwanath Vidyapith

Previous | Next

Page 532
________________ अनेकान्तवाद एवं आधुनिक भौतिक विज्ञान 467 स्थूल रूप से यह कहा जा सकता है कि कार्बन जला है किन्तु सूक्ष्म रूप से जांच करने पर पता चलता है कि कोई भी कण नहीं जला है केवल विभिन्न इलेक्ट्रॉनों, प्रोटॉनों एवं न्यूट्रॉनों के पड़ोसी बदले हैं। अनेकान्तवाद की भाषा में जलना हुआ भी है व जलना नहीं भी हुआ है। स्याद्वाद की प्रधानता से कथन करें तो किसी अपेक्षा पदार्थ जलता है किसी अपेक्षा नहीं जलता है। - - - - - सारणी क्रं. ४ अदृश्य घटक विज्ञान अध्यात्म व्यावहारिक जीवन ट्रांजिस्टर (रिसीवर) शरीर भी ट्रांजिस्टर की हमें यह समझ में आना कई छोटे-२ पुों से तरह है। आत्मा को चाहिए कि जो कुछ भी घटित मिलकर बना होता है। नकारने वाले सारा श्रेय होता है उसका श्रेय किसे व यदि सभी पजें ठीक हों ट्रांजिस्टर को ही देते हैं। कितना दें। जैसे यह लेख मैं व सही ढंग से जुड़े हों रेडियो स्टेशन की तरंगों लिख रहा हूं इसका बोध इनको व उचित बैटरी लगी हो की तरह आत्मा की भी है जिनसे लिखने की भाषा तो उससे किसी रेडियो उपस्थिति अध्यात्मवादी मिली है व ऐसे कई पूर्व विद्वानों स्टेशन का प्रोग्राम सुन स्वीकारता है। व मनीषियों को भी है जिनसे सकते हैं। ट्रांजिस्टर के या जिनके ग्रन्थों से मैंने शिक्षा चालू करने पर उससे लता ग्रहण की है। इसी तरह शरीर, मंगेशकर के कंठ की आवाज जो सुनाई देती है उसके बारे में निम्नांकित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552