Book Title: Multidimensional Application of Anekantavada
Author(s): Sagarmal Jain, Shreeprakash Pandey, Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 530
________________ अनेकान्तवाद एवं आधुनिक भौतिक विज्ञान न द्रव होता है और न | गैस होता है। सारणी क्रं० २ कर्ता-अकर्ता अध्यात्म विज्ञान । व्यावहारिक जीवन एक अपेक्षा से एक अपेक्षा से | एक अपेक्षा से उर्जा की बचत करना | जीव को बचाना चाहिये। देश व परिवार का विकास चाहिए। ऊर्जा की देश में | जीव की मृत्यु होती है। | करने हेतु हमें सेवा एवं त्याग कमी है अतः ऊर्जा | जीवहिंसा नहीं करना | करना चाहिए। उत्पादन करना चाहिए। | चाहिए। जीव एक दूसरे अच्छे वैज्ञानिक एवं का उपकार कर सकते हैं। इंजीनियर तैयार करना | (परस्परोपग्रहो जीवानां) चाहिए जो ऊर्जा उत्पादन का कार्य कर सकें। दसरी अपेक्षा से दूसरी अपेक्षा से दूसरी अपेक्षा से ऊर्जा का न तो नाश होता | जीव न तो जन्मता है और | दूसरों की मदद करने का है और न ही उत्पादन | न ही मरता है। जीव को | अहंकार न करें। किया जा सकता है। ऊर्जा | हमने बचाया है यह की मात्रा में कोई घट- | अंहकार न करें।११ हम बढ़ नहीं हो सकती है। अजर, अमर अविनाशी हैं ऊर्जा वस्तु में ही होने | यह श्रद्धान करके निर्भय पर प्रकट होती है। यानी | बनें। इंजीनियर या वैज्ञानिक ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर सकते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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