Book Title: Multidimensional Application of Anekantavada
Author(s): Sagarmal Jain, Shreeprakash Pandey, Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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Multi-dimensional Application of Anekāntavāda
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चित्र नं. २
__ (अ) हाइड्रोजन परमाणु एक प्रोटॉन एवं एक इलेक्ट्रॉन से मिलकर बना होता है।
(ब) मोती का हार मोती एवं धागे से मिलकर बना है। (हार की अपेक्षा मोती एवं धागा हार के ही अनिवार्य एवं साथ रहने वाले अवयव है। किन्तु मोती की अपेक्षा मोती धागे से पृथक है। धागे की अपेक्षा धागा मोती से पृथक् है। इसी प्रकार हाइड्रोजन परमाणु की अपेक्षा प्रोटॉन एवं इलेक्ट्रॉन इस परमाणु के अनिवार्य एवं साथ में रहने वाले अवयव हैं। हाइड्रोजन परमाणु का विद्युत आवेश शून्य है। किन्तु इसी परमाण में इलेक्ट्रॉन की अपेक्षा इलेक्ट्रॉन का ऋणात्मक आवेश है तथा वह प्रोटॉन से पृथक् है। ठीक इसी प्रकार मनुष्य की अपेक्षा आत्मा एवं शरीर साथ हैं किन्तु आत्मा की अपेक्षा आत्मा शरीर से पृथक् है।)
सारणी क्रं. ६ शुद्ध-अशुद्ध
विज्ञान
अध्यात्म
व्यावहारिक जीवन
एक अपेक्षा से | एक अपेक्षा से ___'पाप से घृणा करो, पापी
गंदा पानी नहीं पीना अपनी आत्मा को | से नहीं। यह कथन निराधार चाहिए। पानी में गन्दे | मलिन नहीं बनाना चाहिए। | नहीं है। पदार्थ मिल जाने से पानी बुरे कार्यों से डरना चाहिए। अशुद्ध हो जाता है। दूसरी अपेक्षा से दूसरी अपेक्षा से जिसे हम गंदा पानी | आत्मा तो समान
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