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अनेकान्तवाद एवं आधुनिक भौतिक विज्ञान
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स्थूल रूप से यह कहा जा सकता है कि कार्बन जला है किन्तु सूक्ष्म रूप से जांच करने पर पता चलता है कि कोई भी कण नहीं जला है केवल विभिन्न इलेक्ट्रॉनों, प्रोटॉनों एवं न्यूट्रॉनों के पड़ोसी बदले हैं। अनेकान्तवाद की भाषा में जलना हुआ भी है व जलना नहीं भी हुआ है। स्याद्वाद की प्रधानता से कथन करें तो किसी अपेक्षा पदार्थ जलता है किसी अपेक्षा नहीं जलता है।
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सारणी क्रं. ४
अदृश्य घटक विज्ञान
अध्यात्म
व्यावहारिक जीवन ट्रांजिस्टर (रिसीवर) शरीर भी ट्रांजिस्टर की हमें यह समझ में आना कई छोटे-२ पुों से तरह है। आत्मा को चाहिए कि जो कुछ भी घटित मिलकर बना होता है। नकारने वाले सारा श्रेय होता है उसका श्रेय किसे व यदि सभी पजें ठीक हों ट्रांजिस्टर को ही देते हैं। कितना दें। जैसे यह लेख मैं व सही ढंग से जुड़े हों रेडियो स्टेशन की तरंगों लिख रहा हूं इसका बोध इनको व उचित बैटरी लगी हो की तरह आत्मा की भी है जिनसे लिखने की भाषा तो उससे किसी रेडियो उपस्थिति अध्यात्मवादी मिली है व ऐसे कई पूर्व विद्वानों स्टेशन का प्रोग्राम सुन स्वीकारता है। व मनीषियों को भी है जिनसे सकते हैं। ट्रांजिस्टर के
या जिनके ग्रन्थों से मैंने शिक्षा चालू करने पर उससे लता
ग्रहण की है। इसी तरह शरीर, मंगेशकर के कंठ की आवाज जो सुनाई देती है उसके बारे में निम्नांकित
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