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की रानी के साथ तो कदापि दुराचार नहीं करना।
4. किसी भी प्रकार का मांसाहार पाप है, फिर भी यदि तुझसे यह न हो तो कौए का माँस तो कदापि नहीं खाना
वकचूल को ये नियम अत्यन्त सरल प्रतीत हुए। अतः उसने विनय पूर्वक दोनों हाथ जोड़कर ये चारों नियम ग्रहण कर लिये और उन चारों का भिन्न भिन्न समय पर अद्भुत चमत्कार अनुभव करके वह महान् प्रतिज्ञा- -पालक बनकर अपना आत्म-कल्याण कर गया। कुसंग का परित्याग करो -
हमें उच्च कोटि के सद्गुरू संत प्राप्त होने पर भी यदि हमारे जीवन में कोई परिवर्तन नहीं होता हो, छ: मिनट नहीं, बारह मिनट अथवा चौबीस मिनट नहीं, परन्तु चार सौ दिन तक अथवा चौदह सौ घंटो तक संतो का संग करने पर भी यदि हम सुधर नहीं सकते है तो हमें इसका कारण ढूंढना चाहिये कि आखिर परिवर्तन नहीं होने का कारण क्या हैं ?
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परिवर्तन नहीं होने के अनेक कारणों में अत्यन्त महत्वपूर्ण एक कारण है कुसंग (कुसंगति) । सत्संग की शक्तिशाली औषधि को भी पूर्णत: निष्फल सिद्ध करने वाला महा कुपथ्य है - कुसंग। जिस प्रकार अत्यन्त कुशल वैद्य की मंहगी से महंगी औषधि भी कुपथ्य का परित्याग नहीं करने के कारण विफल सिद्ध होती है, उसी प्रकार से कुसंग रूपी कुपथ्य का परित्याग किये बिना सत्संग रूपी औषधि आत्मा को असंग दशा (स्वभाव दशा) रूपी पूर्ण आरोग्य प्रदान करने में विफल होती है।
चौबीस घंटो में एक-आधा घंटा अथवा धार्मिक शिक्षण शिविरों के दिनों अथवा घंटो को छोड़कर अन्य घंटे और दिन यदि निरन्तर कुसंग के कुरंग में रंगे जाते रहें तो सत्संग से प्राप्त लाभ निष्फल ही सिद्ध होता है। सत्संग के तीन भेदों की तरह कुसंग भी मुख्यत: तीन भेद है।
1. कुमित्रों का कुसंग :- दुष्ट मित्रों की संगती जीवन-निर्माण में अत्यन्त हानिकारक सिद्ध होती है। का एक वचन है कि काले व्यक्ति के पास गौर वर्ण का व्यक्ति बैठता रहे तो चाहे उसका वर्ण उसमें न आवे परन्तु उसकी दुष्ट बुद्धि तो उसमें अवश्य ही आयेगी। आम एवं इमली की कलमों को सम्मिलित करके यदि भूमि में बोई जायें तो आम में इमली की खटाई आ जायेगी परन्तु इमली में आम की मधुरता कदापि नहीं आयेगी ।
इसी प्रकार से दुष्ट मित्रों की संगति से पाप के सद्गुण तो उन कुमित्रों के जीवन में प्रविष्ट नहीं होंगे, परन्तु उनके दुर्गुण तो आपके जीवन में अवश्य आ जायेंगे। सद्गुरूओं की संगति तथा सम्पर्क से प्राप्त आत्म-धन, संस्कार-धन एवं सद्गुण-धन वे कुमित्र रूपी लुटेरे लूट ले जाते हैं।
'चलो यार' कह कह कर आपके कुमित्र आपको मदिरा पान एवं बियर पान का चस्का लगाते हो, आपको होटलों, क्लबो एवं नृत्य गृहों में ले जाते हो, ब्लू फिल्में देखने का मोह लगाते हों,
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