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-बड़े अबकी बा है : बिस --- : : हाय ! पली बार
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अपनर है :
पटक मोहि मिथलारअयानो।
T के यश समता हुआ पाया, उसके कहने यालय न कुमादक पास या है। इधर उधर
राम और सीता और इमिला को ओर देख कर असा RAM और अपही आय)बह कौन है जो अमृत की सलाई की माने कि नर रही है।
सीता और टर्मिना-( उसी प्रकार से उनकोनों की ओर अलग प्रा घर है जो इसे देख मुझे इतना सुख मिलता है।
जल---(माले बदकर देख के अरे यही सीता है। यह निःसन्देह महाजा की रानी हानेके जोश है। { आगे बढ़कर )
विश्वास और राजा-आह !
झाकी आमातिर धरत खसत मुकुट सिर नाय । सुरति लाइ कुसलसकेकापुराय ? राजल-स्वामी कुशल से है । महाराजने यह सनेसा भेजा हैं।
aanो भूमि मैं पाई के म है तनया एक भूप तुम्हारो। इन्द्रह पास जो रत रहे सो मिले हम को यदि साह हमारी। सोहम जाचत छापहि मायब सुपनकी जग रीति विधारी। कीजिए, वधु पुलायबलको शीरति त्रामु सदा उनियारी