________________
Fit atta
++
*Kx
महाकारवारतभावः
वह सरिस कोड बिना अति चीन चानः । आणि रवि भयो तो वसाना बीते कि तुम वानी ।
रुको
परशु श्री को आणि इवानी || फिरि वन लरिय विमाकि जन क्रियत बाड़ा,
सरोज
राम का लिए काटने का एक और को कार है। अब तो.
यह बालक कीन्हेति च
।
काटि वायु सिर में हीं वन || रघुनिमिकुलराजा ।
रहे फिरि न कह कर
काजा ||
शता- किस की इतनी सामर्थ्य है जो हमारे प्यारे यजनाम राजर्षि विदेहराज की परकाई भी लाँघ सके । दामाद के इना
दूसरी बात है,
चहि घर के आचरन मिल रहे धर्महिलागि । बहुदिन से तहँ रहन ज्यों गार्धपत्य की अ॥ सो बैरी के हाथ सों जो पावै अपमान ।
हम कि ब्रह्मण्य धिक् धिक अंगिर सन्तान | विश्वा -- वाह, भैया गौतम, वाह, राजा सी तुम ऐसा पुरोहित पाके धन्य है !
निवत्र होइन नहीं डि राज्ञ नहिँ तासु । दिन तप वल रक्षा करत तुम पंडित द्विन जासु ॥
परशु - आज गौतम तुम्हारे ऐसे कितने क्षत्रियों के पुरोहित ब्रह्मतेज से कुड़े थे। पर संसारिक तेज तो अलौकिक तेज के सामने वुझ से जाते हैं ।
शता०-( कोष से ) अरे बैल, निरपराध क्षत्रियों का वंश नास करनेवाले, महापापी बुरी चेष्टावाले नीच काम करनेवाले,