Book Title: Mahavira Charita Bhasha
Author(s): Lala Sitaram
Publisher: National Press Prayag

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Page 113
________________ E tr महावीरचरितभाषा संत्रा - कैसे ! मनका-जिन का वैसे थामे गया। जन्म का दिन दशरथ का लडका राम है जो मका | साँस लेकर ) नव सुच अलवा - हो हो । mara 941524 लोगों क मकान है संका नोभमा उसने हमारे खानी का क्यों नान करा: ★ अलका-वात बिगड़ गई। पितु के भवन अनुज के लाथा । आये दंडकवन रघुनाथः । यह तेहि छति जो अनुचित कामा । रावण कोन्हा परिणाना | लंका तो तुम कहां जाती है। । अलका कुबेर ने जो रारा के सले भाई हैं जब राज से यह हम सुना तब हम को शक्षा दी कि जाम्रो जो हमारे साईबन्ध बचे हैं उन को समझा बुझा बानो । विभीषण का राज तिलक देख पात्रो और पुष्पक विमान जो रावण ने हर लिया था उस ले कहाम्रो कि रामचन्द्र जो की सेवा में रहें । --- लंका - अरे क्या भूतनाथ के मित्र कुबेर भी रामचन्द्रको सेवा में रहते है : अलका - इस में अचरज क्या है। ब्रह्मज्ञानि यहि नित प्रति यावत । श्रुति यह पुरुष कुरारा कहावत । 'लगंजन मंजन सहितारा । जग भगवान लीन्ह मारा || का जो ऐसे ही हैं तो हमारे खामी राजयों के राजा ने क्यों न जाना।

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