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मामाला
त्राथा : अ Ter की सात बार बार कहूँ ! अब तो आप मान से दानाधिक तेज मुशफिर मिल साया है। और
मोला है । से: मायने मेरा बड़ा उपकार किया मा को बताना उचित समझता हूँ ! मायाम कहन से तुम्हरे मारना। वेतन दल मुखमिला, बाली भारत आज
उदासीन के रहे मित्र का मह बोर । होस मिलन की राह में हमर विस अधीर - और सब-~-अरे रामचन्द्र जी के लिया और कौन ऐसा कहर मुक्ता है। राम-मया अध आयो अपने लोक में मान्दन्द करो। इनु- प्राज्ञा
(बाहर जाता है। ल ---शबरी जी वाशिव और रावण की मित्रता कैसे हुई । शरीलाल शैल उठाय भिनुबन जीति सर्व जनाइ।
इसकंट माग्यो युद्ध हि गहि बालि कांख दबाइकै । करि सात सिंधुन माहिं संध्याकर्म सेहि कपि त्यागेऊ!
মুবি পাথ সখ সুন্নাহ মিঃ মাল মুন মুক্তি । जन्म-मरे पायी पुलस्त्यकुलके कलंक इसी के बल से तू नियों को जलाता है।
राम-संसार में एक से एक बदर हुअा करते हैं यह तो मार की लीला है। लक्ष्मणरावरी यह सामने कौनला उजला पहाड़ है। शाबरो-वीर शालिक सुजन को राति, नहीं यह शैला ।
हाड दुन्दुभी दैत्य के, परे रोकि सब गैल।