Book Title: Mahasati Madanrekha Diwakar Chitrakatha 012 Author(s): Shreechand Surana Publisher: Diwakar Prakashan View full book textPage 4
________________ एक बार वर्षा ऋतु के समय मणिरथ राजा अपने एक बार वर्षा ऋतु के समय मणिरथ अपने महलों की छत पर खड़ा संध्या का सुहावना दृश्य देख रहा था। पास ही युगबाहू के महल के बगीचे में उसकी पत्नी मदनरेखा सहेलियों के संग झूला झुलते हुये हंसी-मजाक कर रही थी। Mic PA M দ ম Jain Education International T सती मदनरेखा Whan कितना सुहावना मौसम है ! ZMING AND NC Gra THÔNG T Innin 2 For Private & Personal Use Only The JM3 ย Shawt ORDRAIL मतद www.jainelibrary.orgPage Navigation
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