Book Title: Mahasati Madanrekha Diwakar Chitrakatha 012
Author(s): Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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सती IGORE
सुदर्शनपुर के राजा मणिरथ और युवराज युगबाहू दोनों भाइयों में बहुत ही घनिष्ट प्रेम था। प्रजा उन्हें राम-लक्ष्मण की जोड़ी कहती थी। मणिस्थ युगबाहू की सब सुख सुविधाओं का ध्यान रखता था तो युगबाहू भाई की प्रत्येक बात का सम्मान करता था। और उनके इशारों पर जान न्यौछावर करने को तैयार रहता था। मणिस्थ सन्तानहीन था। युगबाहू के एक पुत्र था-चन्द्रयश/
भैया ! इस खेल की चालें तो खत्म होने वाली नहीं... भोजन का समय हो गया है, अब चलिए न?
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