Book Title: Mahasati Madanrekha Diwakar Chitrakatha 012 Author(s): Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 30
________________ सती मदनरेखा उधर चन्द्रयश को जब यह पता चला तो उसने अत्यन्त दुखी मन से अपने पिता और ज्येष्ट पिता का अन्तिम संस्कार किया। INW प्रजा ने उसका राज तिलक कर सुदर्शन पुर का राजा मान लिया। ALL । JAVALILION 28 For Private & Personal Use Only www.ja helibrary.Page Navigation
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