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सती मदनरेखा उधर चन्द्रयश को जब यह पता चला तो उसने अत्यन्त दुखी मन से अपने पिता और ज्येष्ट पिता का अन्तिम संस्कार किया।
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प्रजा ने उसका राज तिलक कर सुदर्शन पुर का राजा मान लिया।
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