Book Title: Mahasati Madanrekha Diwakar Chitrakatha 012 Author(s): Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 19
________________ सती मदनरेखा तभी मदोन्मत्त हाथी ने उसे सूंड में पकड़कर उसी समय कोई विद्याधर अपने विमान में बैठकर गेंद की तरह आकाश में उछाल दिया। उधर से निकल रहा था। उसने आकाश से गिरती मदनरेखा को देखा। Matmlu 9.DA अरे यह क्या ! कोई स्त्री र आकाश से गिर रही है, बचाऊँ इसे। ANTINWA PAIN Sound TEE सीकर और उसे अपने विमान में झेल लिया। बेचारी नीचे गिरती तो मर जाती। بدسم 17Page Navigation
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