Book Title: Kaise Banaye Aapna Career
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 14
________________ याद रखो, कैरियर बनाना तो शतरंज और चौपड़ के खेल की तरह है जहाँ व्यक्ति एक चाल और फिर दूसरी चाल हारता है, पर वहीं हारने वाला जब धैर्य, बेहतर सोच और आत्मविश्वास के सहारे अगली चालें खेलता है तो अन्ततः जीत ही जाता है। केरियर बनाने के लिए भी हर किसी को संघर्ष करना होगा। संघर्ष ही सफलता की आत्मा है। आप जितनी अच्छाइयाँ आत्मसात करेंगे, आपका केरियर उतना ही बेहतर बनेगा। खाली बोरी को कभी खड़ा नहीं किया जा सकता, बोरी को खड़ा करने के लिए उसमें कुछ-न-कुछ भरना ही होगा। 'स' से 'स' तक सात सुर, सात सुरों में राग। उतना ही संगीत है, जितनी तुझमें आग। जिसमें जितनी ललक होगी, जिसे जितना अभ्यास होगा, उसके द्वारा उतना ही संगीत पैदा हो पाएगा। जिसमें जीवन की गाड़ी को चलाने का जितना हौंसला, हिम्मत और जज़्बा होगा, वह जीवन में उतना ही विकास कर पाएगा। अगर हम ज़िंदगी में कुछ न कर पाए तो इसकी जिम्मेदारी हमारी ही है। हम अपनी मानसिक शाक्ति को जाग्रत करें। अपनी आत्मिक और आध्यात्मिक शक्ति को उजागर करें। हृदय में घर कर चुकी तुच्छ दुर्बलता का त्याग करें। दुर्बलता नपुंसकता है और नपुंसकता हमें शोभा नहीं देती। दुनिया में वह असफल नहीं कहलाता जो मात खा बैठता है, वरन वह असफल है, जिसका ख़ुद पर से ही विश्वास उठ गया। जब एक युवक ने बेरोज़गारी से तंग आकर खाई में गिरने की कोशिश की, तो मैंने उसे ऐसा करने से रोका और कहा कि तुम एक शिक्षित और युवा होकर मरने का पाप कर रहे हो? क्या तुम्हें नहीं पता कि जीवन प्रभु का प्रसाद है ? इसे स्वीकार किया जाए, न कि ठुकराया जाए। उसने कहा, 'मैं सोलह कक्षा तक पढ़ा हूँ, पर नौकरी न पा सका।' मैंने पूछा, 'तुम्हारी उम्र कितनी है ?' उसने कहा, 'इक्कीस साल।' मैंने कहा, 'तुम्हारी सोलह साल की पढ़ाई तुम्हारे काम न आई तो तुम मरने को 13 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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