Book Title: Kaise Banaye Aapna Career
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 26
________________ पैसा कमाता है कि तुम पढ़-लिख सको। पर क्या तुम उन्हें यह परीक्षाफल ले जाकर दिखाओगे' ? उस टीचर की कही हुई बात ने मेरे बाल-मन पर गहरा प्रभाव डाला। उस दिन का दिन है कि आज तक मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा । निरंतर गहन अध्ययन किया, खूब चिंतन-मनन किया, अपनी आध्यात्मिक शक्ति को जाग्रत किया और इस मुकाम पर पहुँचा । आज भी, आप देखते होंगे कि हम मेहनत करते हैं, पसीना बहाते हैं, तब कहीं रोटी खाते हैं । हम निठल्ले बैठे-बैठे समाज का अन्न नहीं खाते हैं। आज भी हम अपने-आप को समाज, परिवार तथा देश के कल्याण हेतु प्रस्तुत किए रहते हैं । अपना प्रत्येक कार्य अपने हाथ से करते हैं । हमारा स्वाध्याय, साधना, आराधना, चिंतन-लेखन सभी सही समय और व्यवस्थित रूप से प्रतिदिन जारी रहते हैं । तुम अगर मेहनत नहीं करोगे तो जियोगे कैसे? योग तो उन लोगों को करना पड़ता है जो शरीर से श्रम नहीं करते। मजदूर को सोने के लिए नींद की गोली नहीं लेनी पड़ती। सड़क के किनारे बिछाया अख़बार और सो गए गहरी नींद में। आप भी मेहनत और अभ्यास करो । जहाँ गुरु सोते हैं वहाँ छात्र जागकर अभ्यास किया करते हैं, तो ऐसे ही बच्चे आगे बढ़ते हैं और उनका विकास होता है । कैरियर बनाने का अगला बिन्दु है: स्वयं पर विश्वास रखें। जब आपको विश्वास है कि यह सही है तो उसे ही कीजिए। अपने विश्वास पर संदेह मत कीजिए । आख़िर सब लोगों में ईश्वरीय चेतना का अंश विद्यमान है । अपने मन को कभी कमज़ोर न होने दें। आत्म-विश्वास ही जीवन की शक्ति है और प्रगति की सीढ़ी है । आत्मविश्वास में कैरियर का राज़ छिपा है। याद रखिए जो धनुष मुड़ने को तैयार नहीं होते, वे चटककर टूट जाया करते हैं और जो घड़े नदियों में झुकने को तैयार नहीं होते, वें सदा रीते के रीते रह जाया करते है । वैसे भी घमंडी का सिर नीचा ही होता है, उसे उसकी खुद की आत्मा भी नहीं Jain Education International 25 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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