Book Title: Kaise Banaye Aapna Career
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 102
________________ भी। यह जीसस भी है और जरथुस्त्र भी। यह कृष्ण भी है और कबीर भी। यह भरत भी है और भारत भी। यह वह मंत्र है जिसे आप भी अपनाइए और आपके मित्र भी। आपकी बेटी भी अपनाए और आपका जवांई भी। सास भी अपनाए और बहू भी। शिष्य भी अपनाए और गुरु भी। एक ही मंत्र एक ही धर्म, एक ही पंथ, एक ही ग्रंथ – और वह है सकारात्मक सोच। ___पोजिटिव थिकिंग इज दा बैकबोन ऑफ योर सक्सेसफुल लाइफ, सक्सेसफुल एनी प्रोडेक्ट्स। सकारात्मक सोच आपके सफल जीवन का मेरुदंड है। सकारात्मक सोच आपके हर सफल उत्पादन की आत्मा है। तो सोच को बनाइए बेहतर, सोच को बनाइए सम्मानजनक, सोच को बनाइए स्वीकारात्मक, सोच को बनाइए श्रेष्ठतर । सकारात्मकता का तानाबाना इन्हीं सब बातों से गुथा हुआ है। सकारात्मकता का मतलब है अपने हर उत्पादन को और बेहतर बनाने की कोशिश। सकारात्मकता का अर्थ है बड़ों की डाँट को सहजता से लेना और छोटो की ग़लती को माफ़ करने का बड़प्पन दिखाना। सकारात्मकता के मायने हैं गिलास को खाली नहीं, हमेशा आधा भरा हुआ देखना। किसी की कमी को देखना नकारात्मकता है और किसी की अच्छाइयों को देखना सकारात्मकता है। किसी ने आज हमारा अपमान किया उस पर गौर करना नकारात्मकता है वहीं अब तब उसने हमारा जो सम्मान किया उसे याद करना सकारात्मकता है। अपने मत, पंथ, परम्पराओं का आग्रह रखना नकारात्कता है वहीं 'रास्ते जुदे-जुदे हैं और मंज़िल सबकी एक' इस फिलोसॉफी में विश्वास रखना सकारात्मकता है। जिसके हाथ में सकारात्मकता का यह प्रकाश है वह समाज और संसार की संजीवनी है। मेरा तो राम ही सकारात्मक सोच है। जबजब इंसान सकारात्मक सोच से फिसलता है तब-तब उसे छोटी - 101 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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