Book Title: Kaise Banaye Aapna Career
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 82
________________ जीने की कला - मानसिक विकास । के टिप्स न होना कभी निराश करना है मानसिक विकास कुदरत ने हर किसी इंसान को एक अनमोल और बेशकीमती उपहार प्रदान किया है। यह उपहार स्वयं मनुष्य की अपनी टोपी के नीचे है। यह उपहार है मनुष्य का मस्तिष्क। हालांकि मनुष्य के मस्तिष्क का वज़न केवल सवा किलो होता है, किन्तु एक अकेला मस्तिष्क मनुष्य की संपूर्ण गतिविधियों का संवाहक और व्यवस्थापक है। मनुष्य अपने जीवन में वही सब कुछ करता है जैसा करने के लिए मस्तिष्क का उसे निर्देश होता है। मनुष्य अपने जन्म से लेकर लगभग 25 वर्ष की उम्र तक शिक्षा, संस्कार और अनुभवों के द्वारा अपने मस्तिष्क तथा दिमाग़ का विकास करने का प्रयत्न करता है। यही वह आधारभूमि होती है जिस पर उसका सारा जीवन केन्द्रित होता है। आगे के जीवन में तो ज्ञान से ज्ञान बढ़ता है और धन से धन। जीवन की संपूर्ण नींव तो बचपन से यौवन प्रवेश तक निर्मित हो जाती है। 81 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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