Book Title: Kaise Banaye Aapna Career
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 98
________________ की सबसे बड़ी भूमिका है तो वह आदमी की सकारात्मक सोच है। आप चाहे विद्यार्थी हों या व्यापारी, सम्पादक हों या राजनेता, महिला हों या पुरुष, जिंदगी में हर हाल में जिसे अहमियत दी जानी चाहिए वह सकारात्मक सोच ही है अगर हममें से कोई व्यक्ति सफलता के गुर सीखना चाहे तो सफलता के सात कीमिया गुर हैं। पहला है – सकारात्मक सोच। दूसरा है - बेहतरीन नज़रिया। तीसरा है - उन्नत लक्ष्य। चौथा है – आत्मविश्वास। पाँचवाँ है -कार्य-योजना। छठा है – कड़ी मेहनत और सातवाँ है - धैर्य और आनन्दपूर्ण मनोदशा। ये वे उसूल हैं जो हर किसी व्यक्ति के केरियर निर्माण के लिए, कामयाबी की ऊँची मीनारों को छूने के लिए लाइफ मैनेजमेंट का काम करते हैं। सोच सकारात्मक इसलिए हो कि आदमी विपरीत हालातों में भी अपने अंतरमन की स्थिति को स्वस्थ और संतुलित रख सके। बेहतरीन नज़रिया इसलिए कि व्यक्ति हमेशा ऊँचे सपने देख सके और छोटे से छोटा काम करते हुए भी उसे पूर्णता प्रदान कर सके। उन्नत लक्ष्य की ज़रूरत इसलिए है कि हम अपने पुरुषार्थ को सही सार्थक दिशा प्रदान कर सकें। कार्य योजना की दरकार इसलिए है कि हम अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का खाका तैयार कर सकें। यानी पहले लक्ष्य बनाओ और फिर उसे पूरा करने का नक्शा बनाओ। आत्मविश्वास की आवश्यकता इसलिए है कि जिंदगी में चाहे बाधाओं की सड़क पार करनी हो या रुकावटों की रेल की पटरी, हम पूरे दमखम के साथ उसे पार कर सकें। ___ कड़ी मेहनत इसलिए करें कि अपने निर्धारित लक्ष्य और कार्य-योजना को मूर्तरूप दे सकें। धैर्य और आनंदपूर्ण मनोदशा इसलिए चाहिए कि सफलता के मार्ग पर मिलने वाली विफलताओं से हम निराश न हों और हंसते-मुसकुराते हुए हम विपरीत हालातों पर विजय प्राप्त कर सकें। 97 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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