Book Title: Kaise Banaye Aapna Career
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 52
________________ तनाव से दूर रहने का दूसरा क़दम है : यदाकदा प्रेम, शांति और मिठास भरा संगीत सुनिये। मधुर संगीत आपकी बैचेनी को कम करेगा, चित्त को एकाग्रता और लयलीनता देगा, दिल और दिमाग़ के बोझ को कम करेगा, आपकी प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूती प्रदान करेगा। आपको जब भी लगे कि आप मानसिक रूप से बोझिल या थके हुए हैं तो आराम से किसी कुर्सी या सोफे पर बैठ जाइये। शरीर और दिमाग़ को ढीला छोड़ दीजिये। धीमी आवाज़ में कोई धीमा-सा संगीत चालू कर दीजिए। उसे सुनने में अपने आप को तत्पर कर लीजिए। शांति का भाव प्रगाढ़ करते जाइये, थोड़ी देर में आप पाएंगे कि आप स्वस्थ और रिलेक्स हो गए हैं। संगीत का प्राकृतिक आनंद लेने के लिए कभी किसी झरने के पास जाकर बैठिये, कबूतरों की गुटर-गूं और चिड़ियाओं की चहचहाट सुनिये। कोयल की कुहुक और पपीहे की पीऊ-पीऊ सुनिये । प्रकृति की गोद में बैठकर आप इस तरह का प्राकृतिक संगीत सुनेंगे तो आप पाएंगे कि आपके पास सुख को जीने का आसान रास्ता है। तनाव से बचने का तीसरा क़दम है : आइये, मेरे साथ हमक़दम बनिये। थोड़ा-सा पैदल चलने की आदत डालिये। कार और स्कूटर हमारे जीवन के साथ इस कदर जुड़ चुके हैं कि हम लोग धीरे-धीरे पैदल चलना ही भूलते जा रहे हैं। हर आदमी को हर रोज़ कम-से-कम दस मिनट ज़रूर पैदल चलना चाहिए। यदि आप बहुत ज्यादा व्यस्त हैं तो रविवार या छुट्टी के दिन एक घण्टा घूमने के लिए अवश्य जाइये। पैदल चलने से जहाँ शरीर का एक्यूप्रेशर हो जाता है वहीं शरीर की रासायनिक कार्य-प्रणाली भी दुरुस्त होती है। पैदल चलने से पसीना आता है और पसीने से शरीर के कई दूषित तत्त्वों का रेचन होता है। आपको नींद भी अच्छी आएगी, हृदय भी स्वस्थ रहेगा और शरीर में बढ़ रही चर्बी और कॉलेस्ट्रोल की मात्रा भी घटेगी। कहावत है : एक हवा-सौ दवा।' यानी थोड़ी देर घूमने की आदत डालिये, खुली हवा खाइये और इस तरह 51 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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