Book Title: Kahau Stambh evam Kshetriya Puratattv ki Khoj Author(s): Satyendra Mohan Jain Publisher: Idrani Jain View full book textPage 8
________________ कहाऊँ स्तम्भ एवं क्षेत्रीय पुरातत्व की खोज परिशिष्टों की सूची ३० क्र.सं. विवरण पृष्ठ सं० १. ईस्टर्न इण्डिया, २ (१८३८), पृ. ३६६-३६७, फिगर-२ २७ २. जर्नल बंगाल एशियाटिक सोसाइटी, ७ (१८३८), पृ. ३३-३४ एवं ३६ - ३९ प्लेट-१ ३. दी भिलसा टोपस, (१८५४), पृ. १३८-३९, १४१-४२, १४४ ३७ ४. आालाजिकल सर्वे रिपोर्टस्, १ (१८७१), पृ. ९१ - ९५, । प्लेट २८,२९, ३० ५. इण्डियन एण्टीक्वेरी, १०(१८८१), पृ. १२५ - १२६, प्लेट १ ४५ ६. आालाजिकल सर्वे रिपोर्टस, १६ (१८८०-८३), पृ. १२९-३० ५१ ७. कार्पस इन्स्क्रिप्श्नम्, ३ (१८८८), पृ. ६५-६८, प्लेट ९ ५३ ८. सलेक्ट इन्स्क्रिप्शन्, १(१९४२), पृ० ३०८-३१० ९. इण्डियन हिस्ट्रारिकल क्वार्टरली, २८(१९५२), पृ. २९८-३०० ६१ १०. जैन शिलालेख संग्रह, २(१९५२), पृ ५९ ६४ ११.. भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ, १(१९७४),पृ.१७३-१७५, चित्र ६० ६५ १२. इनस्क्रिप्शन्स ऑफ द अर्ली गुप्त किंग्स, (१९८१), पृ. ३०५-३०८ प्लेट २९ १३. प्राचीन भारत के प्रमुख अभिलेख (गुप्तकाल ३१९-५४३ ई.), २ (१९९९), पृ १४६-१४७ । १४. दी केव टैम्पलस ऑफ इण्डिया, (१८८०), पृ. ४९७, प्लेट ८.०, ८१ १५. . भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ, १ (१९७४), चित्र ६७ १६. हिस्ट्री ऑफ इण्डियन एण्ड ईस्टर्न आर्चीटेक्चर २ (१८७६, तृतीय मुद्रण १९१०) पृ. ५६-५८ | १७. तीर्थवंदना अप्रैल (२००१), पृ. ४-५ ७९ १८. जर्नल बाम्बे ब्राँच ऑफ रायल एशियाटिक सोसाइटी, ७ (१८६३६४, १८६४-६५, १८६५-१८६६) पृ. २४६-४७ ८२ १९. जर्नल बंगाल एशियाटिक सोसाइटी ४३ (१८७४) पृ. ३६८-३७२) ८४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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